हमारे शरीर को सेफ लिमिट तक ठंडा रखने |
पार्ट वन हमारे शरीर को सेफ लिमिट तक ठंडा रखने के लिए हमारे शरीर में मौजूद स्वेट ग्लैंड पसीना पैदा करते हैं यह बॉडी टेंपरेचर को कंट्रोल करने के लिए एक्टिव हो जाते हैं शरीर से निकलने वाला यह पानी हमें हीट स्ट्रोक से बचाता है इस पानी को पसीना कहते हैं तनाव चिंता और मानसिक स्थितियों के कारण भी व्यक्ति को ज्यादा पसीना आने की समस्या हो सकती है डर लगने पर आपकी हथेलियों चेहरे अंडर आर्म ग्रॉइन एरिया या पैरों के तलवों पर पसीना आना आम बात है अधिक मात्रा में कुछ दवाओं का सेवन ड्रग्स अल्कोहल या स्मोकिंग सेवन में भी ज्यादा पसीना आ सकता है स्किन इन्फेक्शन बैक्टीरियल इनफेक्शन हाई बीपी और अत्यधिक वजन हार्ट प्रॉब्लम अधिक पसीना आने के कारण हो सकते हैं इडियोपेथिक हाइपरहाइड्रोसिस नामक स्थिति में अज्ञात कारणवश नसे आमतौर पर बिना गर्मी या शारीरिक गतिविधि के अति सक्रिय हो जाती हैं एथेरोसिलेरोसिस हार्ट अटैक और हार्डवेल का कारण बन सकता है पसीना आना शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद है पसीना शरीर के इन रसायनों को खत्म कर देता है पसीना आने से त्वचा के रोम छिद्र खुल जाते हैं जिससे शरीर की सारी गंदगी और कीटाणु बैक्टीरिया बाहर निकल जाते हैं यह शरीर के साथ-साथ त्वचा को भी स्वस्थ रखते हैं पसीना शरीर से हेवी मेटल्स को डिटॉक्स करता है वर्कआउट में भी पसीना आना फायदेमंद होता है क्योंकि वर्कआउट के दौरान मसल्स heat होते हैं और शरीर को ठंडक चाहिए होती है जो यह काम पसीना कर देता है पानी पीने से शरीर को ठंडक मिलती है और पसीना कम आता है
पार्ट 2 आइए पसीना कम करने के उपाय भी समझ ले पसीना कम करने के लिए लो फैट दूध दही या चीज का सेवन करना चाहिए पुरुषों को दिन भर में 3 से 7 लीटर और महिलाओं को दो से 7 लीटर पानी पीना चाहिए चेहरे में पसीना के कारण पसीने के ग्लैंड का जरूरत से ज्यादा एक्टिव होना मौसम में बदलाव तनाव दवाइयों का ज्यादा सेवन एल्कोहल ड्रग्स और स्मोकिंग मेनोपॉज मोटापा डायबिटीज इन्फेक्शन लो ब्लड प्रेशर पर ध्यान देना जरूरी है विटामिन ई पसीने की मात्रा को कंट्रोल करता है विटामिन B12 कमी से रात को पसीना आता है जिंक सप्लीमेंट आईरन सप्लीमेंट अधिक पसीने का कारण है पसीने को अस्थाई रूप से 6 परसेंट से 20% अलमुनियम क्लोराइड प्रतिवेदक को त्वचा में गाने से पसीना को रोक सकते हैं इसके लिए सोने से पहले रूखी त्वचा पर लगाएं और उठने पर धो लें फेस कूलर स्वेटबैंड्स पहनने से चेहरे में पसीने की समस्या से बच सकते हैं शरीर की बदबू स्किन पर बैक्टीरिया और पसीने के मिश्रण के कारण होती हैं दरअसल जब हमें पसीना आता है तो फैट पानी और नमक इस बैक्टीरिया के साथ मिल जाते हैं और दुर्गंध पैदा कर सकते हैं कई बार यह गंद खाने की चीजों से हार्मोनल बदलाव दवाइयों के कारण भी हो सकती है युवावस्था में शुरू होने और हार्मोन में बदलाव के समय बच्चों के शरीर से दुर्गंध आने लगती है महिलाओं में 8 से 13 साल पुरुष में 9 से 14 साल में शुरू होती है विटामिन b1 थियामिन तथा कॉलिंग का शरीर की गंध से कुछ संबंध हो सकता है पसीने में बदबू किसी बीमारी के बढ़ने का भी संकेत हो सकता है
पार्ट 3 पसीने के बारे में कुछ रोचक तथ्य भी जान लें अपने वजन को पाउंड में निकालें और आधे में विभाजित करें जो वैल्यू मिलती है वह आपको कितने ओंस पानी की जरूरत शरीर को है मिल जाती है होठों पर स्वेट ग्लैंड नहीं होने के कारण पसीना नहीं आता है इस वजह से ज्यादा गर्मी है ज्यादा सर्दी में
होठ जल्दी सूख जाते हैं अफ्रीकी अश्वेत शायद अपोक्राइन पसीने की सबसे बड़ी मात्रा का उत्पादन करते हैं जो बगल की गंद के लिए मशहूर है ब्रोम हाइड्रोसि स एक ऐसी बीमारी है जो प्याज या सल्फर के समान असामान्य रूप से दुर्गंध पैदा करता है अपोक्राइन स्क्राइन दो प्रकार की ब्रोम हाइड्रोसी स बीमारी है बुजुर्ग लोगों में बढ़ती उम्र में गंद का यह परिवर्तन 2 नान य ल नामक योगिक के स्तर में वृद्धि के कारण होता है थायो अल्कोहल नामक आर्गो सल्फर योगिक हाथ के बगल में पीपीगंज पैदा करते हैं पसीने की बदबू को हम कुछ तरीकों से दूर कर सकते हैं टमाटर के जूस से मसाज करें नींबू का रस से मसाज करें एप्सम साल्ट को नहाने के पानी में मिलाएं लैवंडर ऑयल से बने स्प्रे का इस्तेमाल करें बेकिंग सोडा भी बदबू दूर करने में सहायक है एलोवेरा जेल आलू के स्लाइस टी ट्री ऑयल सेब का सिरका आदि को शरीर में रब करें ग्रीन टी पसीने की बदबू को दूर करने में सहायक होती है
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